1. योजना आयोग द्वारा एक दिशा में बनाई गयी नीतियों की आलोचना चल रही थी,जो केंद्र एवं राज्य के बीच सक्रिय सम्बन्ध को दर्शाता है इसलिए नये आयोग की आवश्यकता पड़ी |
2. पिछले कुछ वर्षों में चल रहे, पंचवर्षीय योजनाओं को लेकर विवाद का होना|
3. सरकारी संघवाद की सफलता के लिए भी केंद्र सरकार ने एक नये संस्थान का गहन किया, जिसका नाम नीति आयोग है| जो जनवरी 2015 में केबिनेट प्रस्ताव से पारित हुआ है| यह संस्थान योजना आयोग के स्थान पर कार्य करेगा|
भूमिका (Role)
- “थिंक टैंक" के रूप में कार्य करना, दिशा निर्देश करना, रणनीति से साथ-साथ तकनीकी सलाह देना जो किसी नीति को विस्तृत क्षेत्रों में प्रभावी बना सके |
- केंद्र व राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों के बीच आसानी से समन्वय स्थापित करना|
- यदि किसी क्षेत्र या दो विभागों के बीच किसी भी तरह से उत्पन्न विवादों का निपटारा करने के लिए एक सामान आधार तैयार करना, जो तेजी से एवं सक्षम तरीकों से नीति को लागू कर सके एवं नीति लागू होने के बाद उसकी देख -रेख एवं मूल्यांकन कर सके|
- ग्रामीण क्षेत्रों को ध्यान में रखकर नीति, उनकी आवश्यताओं के अनुकूल तैयार करना, और विकासात्मक रूप से नीचे से लेकर उच्च स्तर तक ले जाना|
- आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों पर विशेष ध्यान देना |
- ज्ञान एवं नवाचार की वृद्धि के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, विशेषज्ञों से सलाह लेना|
नीति आयोग का संस्थागत संरचना
- अध्यक्ष प्रधानमंत्री
- उपाध्यक्ष - प्रधानमंत्री के द्वारा नियुक्त किया जाएगा| नीति आयोग का प्रथम उपाध्यक्ष अरविन्द पनगारिया को नियुक्त किया गया|
- CEO निश्चित अवधि के लिए प्रधानमंत्री के द्वारा नियुक्त किया जाएगा| जो भारत सरकार के सचिव के समान दर्जा प्राप्त होगा, सिन्धुश्री खुक्लर इसकी पहली CEO है|
नीति आयोग, योजना आयोग से कैसे भिन्न है?
- नीति आयोग एक नीतिगत/सलाहकारी संस्था है जिसके द्वारा फंड को राज्यों के बीच बाँटना जरुरी नहीं है| जबकि योजना आयोग द्वारा फंड को मंत्रालयों एवं राज्यों के बीच बाँटना जरूरी था|
- नीति आयोग, राज्य सरकारों को ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में स्थापित करता है, जबकि योजना आयोग के समय राज्य सरकार. राष्ट्रीय विकास परिषद् (NDC) वार्षिक सम्मलेन के समय ही वार्ता होती थी लेकिन अब ऐसा कोई प्रतिबंध नही है|
- योजना आयोग में जो सचिव होता था, उसके स्थान पर नीति आयोग में CEO होगा|ी
2. पिछले कुछ वर्षों में चल रहे, पंचवर्षीय योजनाओं को लेकर विवाद का होना|
3. सरकारी संघवाद की सफलता के लिए भी केंद्र सरकार ने एक नये संस्थान का गहन किया, जिसका नाम नीति आयोग है| जो जनवरी 2015 में केबिनेट प्रस्ताव से पारित हुआ है| यह संस्थान योजना आयोग के स्थान पर कार्य करेगा|
भूमिका (Role)
- “थिंक टैंक" के रूप में कार्य करना, दिशा निर्देश करना, रणनीति से साथ-साथ तकनीकी सलाह देना जो किसी नीति को विस्तृत क्षेत्रों में प्रभावी बना सके |
- केंद्र व राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों के बीच आसानी से समन्वय स्थापित करना|
- यदि किसी क्षेत्र या दो विभागों के बीच किसी भी तरह से उत्पन्न विवादों का निपटारा करने के लिए एक सामान आधार तैयार करना, जो तेजी से एवं सक्षम तरीकों से नीति को लागू कर सके एवं नीति लागू होने के बाद उसकी देख -रेख एवं मूल्यांकन कर सके|
- ग्रामीण क्षेत्रों को ध्यान में रखकर नीति, उनकी आवश्यताओं के अनुकूल तैयार करना, और विकासात्मक रूप से नीचे से लेकर उच्च स्तर तक ले जाना|
- आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों पर विशेष ध्यान देना |
- ज्ञान एवं नवाचार की वृद्धि के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, विशेषज्ञों से सलाह लेना|
नीति आयोग का संस्थागत संरचना
- अध्यक्ष प्रधानमंत्री
- उपाध्यक्ष - प्रधानमंत्री के द्वारा नियुक्त किया जाएगा| नीति आयोग का प्रथम उपाध्यक्ष अरविन्द पनगारिया को नियुक्त किया गया|
- CEO निश्चित अवधि के लिए प्रधानमंत्री के द्वारा नियुक्त किया जाएगा| जो भारत सरकार के सचिव के समान दर्जा प्राप्त होगा, सिन्धुश्री खुक्लर इसकी पहली CEO है|
नीति आयोग, योजना आयोग से कैसे भिन्न है?
- नीति आयोग एक नीतिगत/सलाहकारी संस्था है जिसके द्वारा फंड को राज्यों के बीच बाँटना जरुरी नहीं है| जबकि योजना आयोग द्वारा फंड को मंत्रालयों एवं राज्यों के बीच बाँटना जरूरी था|
- नीति आयोग, राज्य सरकारों को ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में स्थापित करता है, जबकि योजना आयोग के समय राज्य सरकार. राष्ट्रीय विकास परिषद् (NDC) वार्षिक सम्मलेन के समय ही वार्ता होती थी लेकिन अब ऐसा कोई प्रतिबंध नही है|
- योजना आयोग में जो सचिव होता था, उसके स्थान पर नीति आयोग में CEO होगा|ी
अगर आप ग्राम विकास अधिकारी की जॉब के लिए तैयारी कर रहे हैं तो देखें
ReplyDeleteUPSSSC VDO 2018 Exam Pattern| Syllabus | Solved Paper