8.27.2016

हिंदी व्याकरण छंद

छन्द क्या है?

यति, गति, वर्ण या मात्रा आदि की गणना के विचार से की गई रचना छन्द अथवा पद्य कहलाती है।

चरण या पद – छन्द की प्रत्येक पंक्ति को चरण या पद कहते हैं। प्रत्येक छन्द में उसके नियमानुसार दो चार अथवा छः पंक्तियां होती हंै। उसकी प्रत्येक पंक्ति चरण या पद कहलाती हैं। जैसे –
रघुकुल रीति सदा चलि जाई।
प्राण जाहिं बरू वचन न जाई।।
उपयुक्त चौपाई में प्रथम पंक्ति एक चरण और द्वितीय पंक्ति दूसरा चरण हैं।

मात्रा – किसी वर्ण के उच्चारण में जो समय लगता है, उसे 'मात्रा' कहते हैं। 'मात्राएँ' दो प्रकार की होती हैं –
(१) लघु । (२) गुरू S

लघु मात्राएँ – उन मात्राओं को कहते हैं जिनके उच्चारण में बहुत थोड़ा समय लगता है। जैसे – अ, इ, उ, अं की मात्राएँ ।

गुरू मात्राएँ – उन मात्राओं को कहते हैं जिनके उच्चारण में लघु मात्राओं की अपेक्षा दुगुना अथवा तिगुना समय लगता हैं। जैसे – ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ की मात्राएँ।

लघु वर्ण – ह्रस्व स्वर और उसकी मात्रा से युक्त व्यंजन वर्ण को 'लघु वर्ण' माना जाता है, उसका चिन्ह एक सीधी पाई (।) मानी जाती है।

गुरू वर्ण – दीर्घ स्वर और उसकी मात्रा से युक्त व्यंजन वर्ण को 'गुरू वर्ण' माना जाता है। इसकी दो मात्राएँ गिनी जाती है। इसका चिन्ह (ऽ) यह माना जाता है।
उदाहरणार्थ –
क, कि, कु, र्क – लघु मात्राएँ हैं।
का, की, कू , के , कै , को , कौ – दीर्घ मात्राएँ हैं।

मात्राओं की गणना
(१) संयुक्त व्यन्जन से पहला ह्रस्व वर्ण भी 'गुरू अर्थात् दीर्घ' माना जाता है।
(२) विसर्ग और अनुस्वार से युक्त वर्ण भी "दीर्घ" जाता माना है। यथा – 'दुःख और शंका' शब्द में 'दु' और 'श' ह्रस्व वर्ण होंने पर भी 'दीर्घ माने जायेंगे।
(३) छन्द भी आवश्यकतानुसार चरणान्त के वर्ण 'ह्रस्व' को दीर्घ और दीर्घ को ह्रस्व माना जाता है।

यति और गति

यति – छन्द को पढ़ते समय बीच–बीच में कहीं कुछ रूकना पड़ता हैं, इसी रूकने के स्थान कों गद्य में 'विराग' और पद्य में 'यति' कहते हैं।
गति – छन्दोबद्ध रचना को लय में आरोह अवरोह के साथ पढ़ा जाता है। छन्द की इसी लय को 'गति' कहते हैं।
तुक – पद्य–रचना में चरणान्त के साम्य को 'तुक' कहते हैं। अर्थात् पद के अन्त में एक से स्वर वाले एक या अनेक अक्षर आ जाते हैं, उन्हीं को 'तुक' कहते हैं।
तुकों में पद श्रुति, प्रिय और रोंचक होता है तथा इससे काव्य में लथपत सौन्दर्य आ जाता है।

गण
तीन–तीन अक्षरो के समूह को 'गण' कहते हैं। गण आठ हैं, इनके नाम, स्वरूप और उदाहरण नीचे दिये जाते हैं : –

नाम स्वरूप   उदाहरण   सांकेतिक
यगण ।ऽऽ वियोगी
मगण ऽऽऽ मायावी मा
तगण ऽऽ। वाचाल ता
रगण ऽ।ऽ बालिका रा
जगण ।ऽ। सयोग
भगण ऽ।। शावक भा
नगण ।।। कमल
सगण ।।ऽ सरयू
निम्नांकित सूत्र गणों का स्मरण कराने में सहायक है –
"यमाता राजभान सलगा"
इसके प्रत्येक वर्ण भिन्न–भिन्न गणों परिचायक है, जिस गण का स्वरूप ज्ञात करना हो उसी का प्रथम वर्ण इसी में खोजकर उसके साथ आगे के दो वर्ण और मिलाइये, फिर तीनों वर्णों के ऊपर लघु–गुरू मात्राओं के चिन्ह लगाकर उसका स्वरूप ज्ञात कर लें। जैसे –
'रगण' का स्वरूप जानने के लिए 'रा' को लिया फिर उसके आगे वाले 'ज' और 'भा' वर्णों को मिलाया। इस प्रकार 'राज भा' का स्वरूप 'ऽ।ऽ' हुआ। यही 'रगण' का स्वरूप है।

छन्दों के भेद
छन्द तीन प्रकार के होते हैं –
(१) वर्ण वृत्त – जिन छन्दों की रचना वर्णों की गणना के नियमानुसार होती हैं, उन्हें 'वर्ण वृत्त' कहते हैं।
(२) मात्रिक – जिन छन्दों के चारों चरणों की रचना मात्राओं की गणना के अनुसार की जाती है, उन्हें 'मात्रिक' छन्द कहते हैं।
(३) अतुकांत और छंदमुक्त – जिन छन्दों की रचना में वर्णों अथवा मात्राओं की संख्या का कोई नियम नहीं होता, उन्हें 'छंदमुक्त काव्य कहते हैं। ये तुकांत भी हो सकते हैं और अतुकांत भी।

प्रमुख मात्रिक छंद-

(१) चौपाई
चौपाई के प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती हैं तथा चरणान्त में जगण और तगण नहीं होता।

उदाहरण   देखत भृगुपति बेषु कराला।
ऽ-।-।  ।-।-।-।  ऽ-।- ।-ऽ-ऽ (१६ मात्राएँ)
उठे सकल भय बिकल भुआला।
।-ऽ ।-।-।  ।-।  ।-।-।  ।-ऽ-ऽ (१६ मात्राएँ)
पितु समेत कहि कहि निज नामा।
।-।  ।-ऽ-।  ।-।  ।-।  ।-।   ऽ-ऽ (१६ मात्राएँ)
लगे करन सब दण्ड प्रनामा।
।-ऽ ।-।-।  ।-।  ऽ-।  ऽ-ऽ-ऽ (१६ मात्राएँ)
(२) रोला
रोला छन्द में २४ मात्राएँ होती हैं। ग्यारहवीं और तेरहवीं मात्राओं पर विराम होता है। अन्त मे दो गुरू होने चाहिए।
उदाहरण –
'उठो–उठो हे वीर, आज तुम निद्रा त्यागो।
करो महा संग्राम, नहीं कायर हो भागो।।
तुम्हें वरेगी विजय, अरे यह निश्चय जानो।
भारत के दिन लौट, आयगे मेरी मानो।।
ऽ-।-।  ऽ ।-।  ऽ-।  ऽ-।-ऽ  ऽ-ऽ  ऽ-ऽ (२४ मात्राएँ)

(३) दोहा
इस छन्द के पहले तीसरे चरण में १३ मात्राएँ और दूसरे–चौथे चरण में ११ 

हिंदी व्याकरण रस

रस - काव्य को पढ़ते या सुनते समय हमें जिस आनन्द की अनुभूति होती है ,उसे ही रस कहा जाता है ! रसों की संख्या नौ मानी गई हैं !

    रस का नाम                          स्थायीभाव

1- श्रृंगार                                 - रति
2- वीर                                    - उत्साह
3- रौद्र                                    - क्रोध
4- वीभत्स                               - जुगुप्सा ( घृणा )
5- अदभुत                               - विस्मय
6- शान्त                                 - निर्वेद
7- हास्य                                 - हास
8- भयानक                             - भय
9- करुण                                 - शोक



( इनके अतिरिक्त दो रसों की चर्चा और होती है )-

10- वात्सल्य                           - सन्तान विषयक रति
11- भक्ति                                - भगवद विषयक रति

हिंदी व्याकरण अलंकार



अलंकार -  " काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहे जाते हैं ! "

अलंकार के तीन भेद हैं -

1. शब्दालंकार -  ये शब्द पर आधारित होते हैं ! प्रमुख शब्दालंकार हैं -  अनुप्रास , यमक , शलेष , पुनरुक्ति , वक्रोक्ति  आदि !

2. अर्थालंकार -  ये अर्थ पर आधारित होते हैं !  प्रमुख अर्थालंकार हैं -  उपमा , रूपक , उत्प्रेक्षा, प्रतीप , व्यतिरेक , विभावना , विशेषोक्ति ,अर्थान्तरन्यास , उल्लेख , दृष्टान्त, विरोधाभास , भ्रांतिमान  आदि !

3.उभयालंकार- उभयालंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते हैं!

1- उपमा - जहाँ गुण , धर्म या क्रिया के आधार पर उपमेय की तुलना उपमान से की जाती है  
     जैसे -
              हरिपद कोमल कमल से  ।

हरिपद ( उपमेय )की तुलना कमल ( उपमान ) से कोमलता के कारण की गई ! अत: उपमा अलंकार है !

2-  रूपक - जहाँ उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप किया जाता है ! जैसे -

                   अम्बर पनघट में डुबो रही ताराघट उषा नागरी  ।

आकाश रूपी पनघट में उषा रूपी स्त्री तारा रूपी घड़े डुबो रही है ! यहाँ आकाश पर पनघट का , उषा पर स्त्री का और तारा पर घड़े का आरोप होने से रूपक अलंकार है !

3- उत्प्रेक्षा - उपमेय में उपमान की कल्पना या सम्भावना होने पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है !
     जैसे -
                मुख मानो चन्द्रमा है ।

यहाँ मुख ( उपमेय ) को चन्द्रमा ( उपमान ) मान लिया गया है ! यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है !
इस अलंकार की पहचान मनु , मानो , जनु , जानो शब्दों से होती है !

4- यमक - जहाँ कोई शब्द एक से अधिक बार प्रयुक्त हो और उसके अर्थ अलग -अलग हों वहाँ यमक अलंकार होता है ! जैसे -

                      सजना है मुझे सजना के लिए  ।

यहाँ पहले सजना का अर्थ है - श्रृंगार करना और दूसरे सजना का अर्थ - नायक शब्द दो बार प्रयुक्त है ,अर्थ अलग -अलग हैं ! अत: यमक अलंकार है !

5- शलेष - जहाँ कोई शब्द एक ही बार प्रयुक्त हो , किन्तु प्रसंग भेद में उसके अर्थ एक से अधिक हों , वहां शलेष अलंकार है ! जैसे -

              रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून  ।
              पानी गए न ऊबरै मोती मानस चून  ।।

यहाँ पानी के तीन अर्थ हैं - कान्ति , आत्म - सम्मान  और जल  ! अत: शलेष अलंकार है , क्योंकि पानी शब्द एक ही बार प्रयुक्त है तथा उसके अर्थ तीन हैं !

6- विभावना - जहां कारण के अभाव में भी कार्य हो रहा हो , वहां विभावना अलंकार है !जैसे -

                        बिनु पग चलै सुनै बिनु काना ।

वह ( भगवान ) बिना पैरों  के चलता है और बिना कानों के सुनता है ! कारण के अभाव में कार्य होने से यहां विभावना अलंकार है !

7- अनुप्रास -  जहां किसी  वर्ण की अनेक बार क्रम से आवृत्ति  हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है ! जैसे -

                    भूरी -भूरी भेदभाव भूमि से भगा दिया  ।

' भ ' की आवृत्ति  अनेक बार होने से यहां अनुप्रास अलंकार है !

8- भ्रान्तिमान - उपमेय में उपमान की भ्रान्ति होने से और तदनुरूप क्रिया होने से भ्रान्तिमान अलंकार होता है ! जैसे -

नाक का मोती अधर की कान्ति से , बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से,
देखकर सहसा हुआ शुक मौन है,  सोचता है अन्य शुक यह कौन है ?

यहां नाक में तोते का और दन्त  पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है , यहां भ्रान्तिमान अलंकार है !

9- सन्देह - जहां उपमेय के लिए  दिए गए उपमानों में सन्देह बना रहे तथा निशचय न हो सके, वहां सन्देह अलंकार होता है !जैसे -

          सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है ।
          सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है ।

10- व्यतिरेक - जहां कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई गई हो , वहां व्यतिरेक अलंकार होता है !जैसे -

          का सरवरि तेहिं देउं मयंकू । चांद कलंकी वह निकलंकू ।।

मुख की समानता चन्द्रमा से कैसे दूं ? चन्द्रमा में तो कलंक है , जबकि मुख निष्कलंक है !

11- असंगति - कारण और कार्य में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है ! जैसे -

                      हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै ।

घाव तो लक्ष्मण के हृदय में हैं , पर पीड़ा राम को है , अत: असंगति अलंकार है !

12- प्रतीप - प्रतीप का अर्थ है उल्टा या विपरीत । यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है । क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित , पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है ! जैसे -

               सिय मुख समता किमि करै चन्द वापुरो रंक ।

सीताजी के मुख ( उपमेय )की तुलना बेचारा चन्द्रमा ( उपमान )नहीं कर सकता । उपमेय की श्रेष्टता प्रतिपादित होने से यहां प्रतीप अलंकार है !

13- दृष्टान्त - जहां उपमेय , उपमान और साधारण धर्म का बिम्ब -प्रतिबिम्ब भाव होता है,जैसे-
             बसै 

हिन्दी व्याकरण समास

समास -

दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नए शब्द बनाने की क्रिया को समास कहते हैं !
सामासिक पद को विखण्डित करने की क्रिया को विग्रह कहते हैं !



समास के छ: भेद हैं -

1- अव्ययीभाव समास - जिस समास में पहला पद प्रधान होता है तथा समस्त पद अव्यय का काम करता है , उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं !जैसे -
      ( सामासिक पद )                     ( विग्रह )

1.      यथावधि                          अवधि के अनुसार  

2.      आजन्म                           जन्म पर्यन्त

3.      प्रतिदिन                           दिन -दिन

4.      यथाक्रम                           क्रम के अनुसार

5.      भरपेट                              पेट भरकर

2- तत्पुरुष समास -  इस समास में दूसरा पद प्रधान होता है तथा विभक्ति चिन्हों का लोप हो जाता है !  तत्पुरुष समास के छ: उपभेद विभक्तियों के आधार पर किए गए हैं -

1. कर्म तत्पुरुष

2. करण तत्पुरुष

3. सम्प्रदान तत्पुरुष

4. अपादान तत्पुरुष

5. सम्बन्ध तत्पुरुष

6. अधिकरण तत्पुरुष

- उदाहरण इस प्रकार हैं -

        ( सामासिक पद )                   ( विग्रह )                           ( समास )

1. कोशकार                          कोश को करने वाला               कर्म तत्पुरुष

2. मदमाता                          मद से माता                         करण तत्पुरुष

3. मार्गव्यय                    मार्ग के लिए व्यय                 सम्प्रदान तत्पुरुष

4. भयभीत                       भय से भीत                         अपादान तत्पुरुष

5. दीनानाथ                     दीनों के नाथ                        सम्बन्ध तत्पुरुष

6. आपबीती                 अपने पर बीती                      अधिकरण तत्पुरुष                          
3- कर्मधारय समास -  जिस समास के दोनों पदों में विशेष्य - विशेषण या उपमेय - उपमान सम्बन्ध हो तथा दोनों पदों में एक ही कारक की विभक्ति आये उसे कर्मधारय समास कहते हैं !  जैसे :-

       ( सामासिक पद )                 ( विग्रह )

1.      नीलकमल                     नीला है जो कमल

2.      पीताम्बर                       पीत है जो अम्बर

3.      भलामानस                    भला है जो मानस

4.      गुरुदेव                           गुरु रूपी देव

5.      लौहपुरुष                       लौह के समान ( कठोर एवं शक्तिशाली  ) पुरुष


4-  बहुब्रीहि समास -  अन्य पद प्रधान समास को बहुब्रीहि समास कहते हैं !इसमें दोनों पद किसी अन्य अर्थ को व्यक्त करते हैं और वे किसी अन्य संज्ञा के विशेषण की भांति कार्य करते हैं ! जैसे -
       ( सामासिक पद )               ( विग्रह )
1.      दशानन                        दश हैं आनन जिसके  ( रावण )
2.      पंचानन                        पांच हैं मुख जिनके    ( शंकर जी )
3.      गिरिधर                        गिरि को धारण करने वाले   ( श्री कृष्ण )
4.      चतुर्भुज                        चार हैं भुजायें जिनके  ( विष्णु )
5.      गजानन                       गज के समान मुख वाले  ( गणेश जी )

5-  द्विगु समास -  इस समास का पहला पद संख्यावाचक होता है और सम्पूर्ण पद समूह का बोध कराता है ! जैसे -      

         ( सामासिक पद )                  ( विग्रह )

1.        पंचवटी                           पांच वट वृक्षों का समूह

2.        चौराहा                            चार रास्तों का समाहार

3.        दुसूती                             दो सूतों का समूह

4.        पंचतत्व                          पांच तत्वों का समूह

5.        त्रिवेणी                           तीन नदियों  ( गंगा , यमुना , सरस्वती  ) का समाहार


6-  द्वन्द्व समास -  इस समास में दो पद होते हैं तथा दोनों पदों की प्रधानता होती है ! इनका विग्रह करने के लिए  ( और , एवं , तथा , या , अथवा ) शब्दों का प्रयोग किया जाता है !

     जैसे -

          ( सामासिक पद )                      ( विग्रह )

1.         हानि - लाभ                        हानि या लाभ

2.         नर - नारी                           नर और नारी

3.         लेन - देन                           लेना और देना

4.         भला - बुरा                          भला या बुरा

5.         हरिशंकर                            विष्णु और शंकर

हिन्दी व्याकरण संधि

संधि :- दो पदों में संयोजन होने पर जब दो वर्ण पास -पास आते हैं , तब उनमें जो विकार सहित मेल होता है , उसे संधि कहते हैं !



संधि तीन प्रकार की होती हैं :-

1. स्वर संधि -  दो स्वरों के पास -पास आने पर उनमें जो रूपान्तरण होता है , उसे स्वर कहते है !  स्वर संधि के पांच भेद हैं :-

1. दीर्घ स्वर संधि

2. गुण स्वर संधि

3. यण स्वर संधि

4. वृद्धि स्वर संधि

5. अयादि स्वर संधि

1-  दीर्घ स्वर संधि-    जब दो सवर्णी स्वर पास -पास आते हैं , तो मिलकर दीर्घ हो जाते हैं !
     जैसे -

1. अ+अ = आ          भाव +अर्थ = भावार्थ

2. इ +ई =  ई           गिरि +ईश  = गिरीश

3. उ +उ = ऊ           अनु +उदित = अनूदित

4. ऊ +उ  =ऊ          वधू +उत्सव =वधूत्सव

5. आ +आ =आ        विद्या +आलय = विधालय  

2-   गुण संधि :-  अ तथा आ के बाद इ , ई , उ , ऊ तथा ऋ आने पर क्रमश: ए , ओ तथा अनतस्थ  र होता है इस विकार को गुण संधि कहते है !
      जैसे :-

1. अ +इ =ए           देव +इन्द्र = देवेन्द्र

2. अ +ऊ =ओ         जल +ऊर्मि = जलोर्मि

3. अ +ई =ए            नर +ईश = नरेश

4. आ +इ =ए           महा +इन्द्र = महेन्द्र

5. आ +उ =ओ          नयन +उत्सव = नयनोत्सव

3- यण स्वर संधि :-   यदि इ , ई , उ , ऊ ,और ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इनका परिवर्तन क्रमश:  य , व् और  र में हो जाता है ! जैसे -

1. इ का य = इति +आदि = इत्यादि

2. ई का य = देवी +आवाहन = देव्यावाहन

3. उ का व = सु +आगत = स्वागत

4. ऊ का व = वधू +आगमन = वध्वागमन

5. ऋ का र = पितृ +आदेश = पित्रादेश

3-  वृद्धि स्वर संधि :-  यदि  अ  अथवा  आ के बाद ए अथवा ऐ हो तो दोनों को मिलाकर ऐ और यदि ओ  अथवा औ हो तो दोनों को मिलाकर औ हो जाता है ! जैसे  -

1. अ +ए =ऐ        एक +एक =  एकैक

2. अ +ऐ =ऐ        मत +ऐक्य = मतैक्य

3. अ +औ=औ      परम +औषध = परमौषध

4. आ +औ =औ    महा +औषध = महौषध

5. आ +ओ =औ     महा +ओघ = महौघ

5- अयादि स्वर संधि :-  यदि ए , ऐ और ओ , औ के पशचात इन्हें छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तो इनका परिवर्तन क्रमश: अय , आय , अव , आव में हो जाता है जैसे -

1. ए का अय          ने +अन = नयन

2. ऐ का आय         नै +अक = नायक

3. ओ का अव         पो +अन = पवन

4. औ का आव        पौ +अन = पावन

5. न का परिवर्तन ण में =   श्रो +अन = श्रवण

2- व्यंजन संधि :-  व्यंजन के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उस व्यंजन में जो रुपान्तरण होता है , उसे व्यंजन संधि कहते हैं जैसे :-

1. प्रति +छवि = प्रतिच्छवि

2. दिक् +अन्त = दिगन्त

3. दिक् +गज = दिग्गज

4. अनु +छेद =अनुच्छेद

5. अच +अन्त = अजन्त

3- विसर्ग संधि : -  विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन का मेल होने पर जो विकार होता है ,  उसे विसर्ग संधि कहते हैं ! जैसे -

1. मन: +रथ = मनोरथ

2. यश: +अभिलाषा = यशोभिलाषा

3. अध: +गति = अधोगति

4. नि: +छल  = निश्छल

5. दु: +गम = दुर्गम 

करेंट अफेयरस

Q1. गुजरात विधानसभा ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया है। संसद द्वारा पारित किए गए इस बिल की पुष्टि करने के लिए राज्य विधानसभा ने एक विशेष सत्र बुलाई है। गुजरात इस बिल को पारित करने वाला______ राज्य है।
(a) पांचवा
(b) सातवाँ
(c) दूसरा
(d) नौवां
(e) छठा

Q2. निम्नलिखित में से कौन देश में अपना आंतरिक सुरक्षा कानून बनाने वाला पहला राज्य है?
(a) तेलंगाना
(b) मध्यप्रदेश
(c) केरला
(d) महाराष्ट्र
(e) गुजरात

Q3. नागर विमानन मंत्रालय, __________ सरकार और AAI ने क्षेत्रीय संपर्क योजना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
(a) उत्तर प्रदेश
(b) बिहार
(c) महाराष्ट्र
(d) असम
(e) गोवा

Q4. उस दिग्गज अमेरिकी वैश्विक फार्मसुटिकल का नाम बताएं जिसने लगभग 14 अरब डॉलर के कुल उद्यम मूल्य में समझौता कर ऑन्कोलॉजी के लिए छोटे अणुओं के वाणिज्यिकरण और विकास पर केन्द्रित कम्पनी बायोफार्मसुटिकल मेडिवेशन इंक के अधिग्रहण के लिए एक समझौता किया है?
(a) जोंसन एंड जोंसन
(b) फिज़र इंक
(c) नोवो नोर्दिस्क
(d) मेर्क केगा
(e) गिलेद साइंस


Q5. मुंबई आधारित होमी भाभा नेशनल इंस्टिट्यूट के वाईस-चांसलर के रूप में किसे नियुक्त किया गया?
(a) पी डी गुप्ता
(b) वी पी सिंह बदनोरे
(c) ब्रजेंदर नवनीत
(d) वी शेषाद्री
(e) जगदीश मुखी


Q6. मात्रभूमि के पूर्व सम्पादक का नाम क्या है, जिनका हाल ही में निधन हुआ है?
(a) के के श्रीधरन
(b) अनुराधा सरमा पुजारी
(c) एन राम
(d) विनोद मेहता
(e) प्रदीप बरुवा

Q7. भारत और __________ ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं जिसका उद्देश्य उन स्थितियों को बढ़ावा देना है जो भारत के औद्योगिक समूहों के कार्यस्थल पर आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षणों का निर्माण और सुधार करने में सहायता करेंगे।
(a) रूस
(b) जर्मनी
(c) फ्रांस
(d) इटली
(e) अमेरिका

Q8. निम्नलिखित में से किस देश ने मानवरहित पनडुब्बी को देश खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के लिए समुद्र सतह की खोज करने में सक्षम 10,767 मीटर की गहराई तक दुनिया के सबसे गहरे सागर बिंदु पर उतारकर एक नया रिकार्ड स्थापित किया है?
 (a) जापान
(b) दक्षिण कोरिया
(c) चीन
(d) फ्रेन
(e) रूस

Q9. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नरेंद्र मोदी ने भारत और किस देश के मध्य वायु सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किये?
(a) इटली
(b) यूके
(c) क्यूबा
(d) फिजी
(e) पेरू

Q10. संसदीय कार्य राज्य मंत्री _______नक़वी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की नई हिन्दी वेबसाइट और उन्नत इंग्लिश वेबसाइट का शुभारंभ किया।
(a) किरण रिजीजू
(b) हरसिमरत कौर बादल
(c) शाहबाज हुसैन
(d) नजमा हेपतुल्ला
 (e) मुख्तार अब्बास नकवी

Q11. दो भारतीय-अमेरिकी महिलाओं को प्रतिष्ठित व्हाइट हाउस फैलो प्रोग्राम के लिए चुना गया है जो अमेरिका की संघीय सरकार के उच्चतम स्तर पर काम करने का प्रथम अनुभव प्रदान करता है। वे कौन हैं?
I. अंजलि त्रिपाठी
II. टीना आर शाह
III. शिल्पा राठौड़
IV. इंदिरा नूयी
(a) दोनों (a) और (b)
(b) दोनों (b) और (c)
(c) दोनों (a) और (c)
(d) दोनों  (c) और (d)
(e) इनमें से कोई नहीं

Q12. दीपिका पादुकोण न सिर्फ भारत की शीर्ष वेतन पाने वाली अभिनेत्री हैं, बल्कि फोर्ब्स के अनुसार वह दुनिया में शीर्ष 10 सबसे अधिक वेतन पाने वाली अभिनेत्रियों में से भी एक हैं। सूची में 46 मिलियन डॉलर की कुल कमाई के साथ ______________ शीर्ष पर हैं।
(a) एंजेलीना जोली
(b) जेनिफर लॉरेंस
(c) कैटी पेरी
(d) जूलिया रॉबर्ट्स
(e) क्रिस्टन स्टीवर्ट

Q13. निम्न में से किसे हरियाणा के ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर चुना गया है?
(a) पीवी सिंधू
(b) गीता फोगट
(c) साक्षी मलिक
(d) ज्वाला गुट्टा
(e) उपरोक्त में से कोई

Q14.फिजी, दक्षिण प्रशांत में एक देश, 300 से अधिक द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। जहां फिजी की राजधानी है?
(a) थिम्फू
(b) अक्रा
(c) लिमा
(d) सुवा
(e) हवाना

 Q15. जर्मनी का वर्तमान चांसलर कौन है?
(a) डेविड केमरून
(b) बैटी बेत्ज़ाना
(c) अलेक्सिस सिप्राज
(d) दिल्मा रोऊसेफ
(e) एंजेला मार्केल

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